Wednesday, January 11, 2023

ऐ!मेरे दिल की सौदागर। 
बस वक्त न यूंही जाया कर। 

ख्वाबों के नर्म खयालों में।
कुछ शौख अदा फरमाया कर। 

तकती है पलकें कातर सी।
परदा नशींन!सरमाया न कर। 

चिलमन से झांक रहीं अलकें। 
जूल्फें ना यूं लहराया कर। 

गालों को छू जब इठलाती। 
शरमा के ना यूं बहलाया कर। 

सागर से भी गहरी आँखें। 
साकी दो घूँट पिलाया कर। 

मयखानों से इन होंठों को। 
दाँतों से यूं न दबाया कर। 

ऐ हुस्न परी!ओ जलवां-नशि।
आँचल में यूं न छुपाया कर।

मिसरी सी सांसो में घुलती। 
दिलकशी'रागिनी'गाया कर।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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