Sunday, January 15, 2023
सुर्ख गुलाबी होंठ रसीले, देह लता कचनार !
गुलमोहर सी चटक सिंदूरी, लगे हूर सी नार !!
लगे हूर सी नार, सुमन की महक लिये !
किये सौलह श्रृंगार, अनल की दहक हिये !!
चले हंसिनी चाल, चूम रहे कैश कटि !
चंचल चपल से नैन, शरासन सी भृकुटी !!
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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