Saturday, February 4, 2023
तुम्हें आया ही नहीं पढ़ना ,
ये आंखें खुली किताब थी मेरी ,,
तुम खामखां......
अलफ़ाजों में ही उलझे रहे ....
ये खामोशियाँ लाजवाब थी मेरी .....
आया ना हमको प्यार जताना...
प्यार कभी से तुझे करते हैं....
भोलापन तेरा भा गया हमको....
सादगी पर तेरी मरते हैं....
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