Saturday, February 4, 2023

एक नशा सा मुझमे जगाने लगी.. हैं तेरी सादगी ...
क्या ये भी अदाओं का हिस्सा ही..हैं तेरी सादगी
अश्क जब लाती हो आँखो में ....तुम अपने 
ये छलकते जाम ओर बढ़ा जाती..हैं तेरी सादगी 
देख तुझे आत्मीयता का एहसास होता हैं मुझे 
शिवालयो में बजे पवित्र शंख सी ..हैं तेरी सादगी 

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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