जीवन सफर में साथ दोगी,न छोड़ोगी मेरा हाथ
हमदम, हमकदम बन चलेंगें जीवन-पथ पर
तमन्नाएँ पूर्ण करने को,सँवार होंगे सुनहरे रथ पर
हसरतें भी तुमसे,चाहत भी तुमसे जाने-जाँ
मेरी वफा पर कर यकीं,बात मेरी तुम मानो ना
तेरे तबस्सुम की शोख़ बिजलियाँ,साथ मेरी सरगोशियाँ
गर तुम आ गई तो दूर हो जाएगी,मेरी समस्त तनहाइयाँ
तुम ही हो मेरी ग़ज़ल,शेरो-शायरी भी तुमसे है
तेरी आँखों की मस्तियों में डूबा,मुझको प्यार तुमसे है
मेरे सपनों में तू,मेरी ख्वाहिश भी है तू
उल्फत में मेरी खुशियों की,सौगात भी तू
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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