और क्या किसने पढ़ना है
लिखो जो तुम्हारा दिल कहे
मत सोचो कि कब लिखना है
लिखो जब दिल थमा के क़लम
हाथों से तुम्हारे जिद कर कहे
लिखो! बस अभी लिखना है!
लिखो मत जो तुमने पढ़ा किताबों में
लिखो वो जो ज़िंदगी ने पढ़ाया तुम्हें
ख़ुद को और अपनों को पढ़कर कर
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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