Thursday, February 23, 2023

लहरों के उद्दाम
वेग सी
चातुर्मास के बरसते
मेघ सी ......तुम !

एक अँजुरी नदी की
धार सी
सत मोतिकाओं के
अनुपम हार सी ....तुम !

मनभावन प्रिय
मनमीत सी
रात में गाये हुए
गीत सी ....तुम !

कवि के गन्ध रचती
छंद सी
सम्बोधनहींन
अनुबन्ध_सी.....तुम !
सिर्फ तुम!!!

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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