Thursday, February 23, 2023

गहरे भावों से पुरित हो,
मित्रता निभाने आयें हैं ।
अब जाकर एहसास जगा है,
तब फूल गुलाब के लायें हैं ।
अरमानों से सजे हुए,
हम चाहत भरकर लाएं हैं ।
कर लेना स्वीकार,
प्रकृति ने प्रेम- पुष्प बरसायें हैं ।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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