मैं आग हूं न खेलो तुम यूं मुझसे ..
पास आते ही तुम जल जाओगी ..
जहर सी है देखो मुस्कुराहट मेरी ..
पीते ही तुम मुझे पिघल जाओगी ..
कैद कर लूं गर , तुम्हें रौशनी में मैं ..
फिर भी शाम में तुम ढल जाओगी ..
गर आँखों में बसा लूं ज़ाम की तरह ..
तो आँसू बनकर , तुम बह जाओगी ..
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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