Thursday, March 9, 2023

तुम्हें ग़ज़लों का गीत लिखता हूं 
तुम्हें शायर की शायरी लिखता हूं ।

लबों पे लब की प्यास लिखता हूं
मयखाने की पुरानी शराब लिखता हूं ।

शब्दो मे लिखूं तुम्हे वो शब्द ही नही
तुमपर मैं इक पूरी किताब लिखता हूं 

दर्द ए जिगर,दवा बेअसर,तुम्हें
मैं अपने दिल का इलाज लिखता हूं ।

~~ सुनिल #शांडिल्य

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