अधूरी कहानी में
अनकही सी बातों में
तनहा दिल की गहराईओं में
बस तुम ही तुम हो!
बोलो तुम
तुम्हे कैसे बतायें!
खुशनुमा मौसम की
रंगीन रवानियों में, ऊँचे ऊँचे पेड़ों से
टकराकर आती हवाओं में
सुर्ख वादियों में
बस तुम ही तुम हो!
बोलो तुम
तुम्हे कैसे बतायें!
मेरी ज़िन्दगी की
बन्द किताब में
उसके हर इक पन्ने में
उस पर लिखे हर इक शब्द के अर्थ में
बस तुम ही तुम हो !
बोलो तुम
तुम्हे कैसे बतायें !
मीत मेरे
सांसों की लय में
प्रीत_पले
गीत में
मेरी नब्ज की आवाज में
बस तुम ही तुम हो !
बोलो तुम
तुम्हे कैसे बतायें!
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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