Tuesday, April 25, 2023

झलकता प्यार है कितना,तुम्हारी इन अदाओं में
कभी चलते हैं हम दोनों, समंदर के किनारों पे 

चली आओ कहाँ हो तुम,हर इक धड़कन बुलाती है
तुम्हारी याद की ख़ुशबू घुली है,इन फ़ज़ाओं में

कहीं पे नाम लिक्खा हो,कहीं हो दास्ताँ लिक्खी
निशानी प्यार की ढूँढें,कहीं हम इन शिलाओं में

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

No comments:

Post a Comment