Monday, April 3, 2023

कैसे बताऊँ तुमको मैं
मेरी क्या क्या हो तुम
हो पूस की सर्द_रातें
जाड़े की धूप हो तुम

मद्धिम चाँदनी रातों का
मनभावन श्रृंगार हो तुम
फागुन की बसंती बयार
धड़कन की पुकार हो तुम

पूर्णिमा हो शरद की
जेठ की तपन हो तुम
जिंदगी के जतन हो
हो इश्क का खुमार 
जिंदगी का उपहार हो तुम

~~~~ सुनिल #शांडिल्य 

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