Thursday, May 11, 2023

प्रणय पुष्प ले साँवरी एक हवा
बावरी सी निड़र धीरे से जब छुआ।

एक कंपन हुआ तन बदन हिल गया
थोड़ी सिहरन हुई मन भी चंचल हुआ।

कोकिला कूक सी भीना संगीत रंग
अधरों की लालिमा और मलय सुवासित गंध।

एक विहरन का मन थे व्यथित दो नयन
तन की अंगड़ाइयाँ थी वासंती छुवन।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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