Wednesday, May 17, 2023

बहुत खूबसूरत लगती हो मुझे,तुम जैसी भी हो।
अंधेरी रात में तुम चमकते माहताब सी लगती हो।

लिख दूं मैं, कि तुम एक गहरा सुकून हो मेरे लिए।
तुम मेरी ज़िन्दगी का आंखरी,जुनून हो मेरे लिए।

तुम पढ़ कर समझ सको तो बहुत कुछ लिख दूं मैं।
दिल को ज़िंदा रखा है जिसने वो खून हो मेरे लिए।

लिख दूं मैं, इश्क़,मोहब्बत,प्यार किसे कहते हैं।
मीठा सा लगता है जो वो इंतज़ार किसे कहते हैं।

यहां पास रहकर भी यकीं नहीं होता किसी पर।
क्या लिख दूं मैं यकीं और एतबार किसे कहते हैं।

लिख दूं मैं, कि तुम खिलते गुलाब सी लगती हो।
जो देखा मैंने, तुम उस हसीं ख्वाब सी लगती हो।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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