Thursday, May 25, 2023

दरख्तो में बैठ कर हम तुम्हे निहारते रह गए
अपनी खव्वाबगाह में तुम्हे तलाशते रह गए

गुजर गई है कई राते हमारी तुम्हारे बिन
तुम्हारी याद में हम शमा जलाते रह गए

अपने ख्वाबो मे तुम्हे तलाशते रह गए
न जाने क्यों हम तुमसे दिल लगाते रह गए

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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