Thursday, May 25, 2023
मैं और मेरी कलम... हम दोनों हमजोली हैं
ये ही मेरी सच्ची दोस्त... ये ही मेरी सहेली है
मेरी हर खुशी में...ये मेरा साथ निभाती है
ज़ज्बातो में ढल कर.. नयी रचना कर जाती है
गर मन होता उदास तो.. ये भी गमगीन हो जाती है
अश्कों में भीगी.... कोई कविता गढ़ जाती है
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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