Monday, June 5, 2023

जब से कहा है तुमने मत लिखो 
मुझे तुम्हारी कविताओं में

तब से जिक्र होता है
सिर्फ दिल में तेरे होने का

तुम तो बह जाती हो
आंसु बनकर मुझमें से

बताओं ना ?
तुम कैसे समझाती हो तुम्हारी हॅंसी को
जब-जब भी होठों पर आती होगी!

वहीं तो है मेरा प्रेम
जो अब भी तुझमें है !

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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