Monday, July 3, 2023

चुप मैं रहूँ कभी कभी तुम को बताऊँ 
झगड़ लूं तुम्हीं से तुम्हें फिर मनाऊं

ये बातें हमारी ये किस्से जो हिस्से 
मैं रख कर सिरहाने इन्हें तकते जाऊं 

वो आँखों की बातें वो भीनी सी खुशबू 
भीगी सी जुल्फों में रेशम सा जादू 

दुनिया मेरी तुम तुम्हें क्यूँ बताऊँ
झगड़ लूं तुम्हीं से तुम्हें फिर मनाऊं

अनकहा सा जाना पहचाना ये इश्क़
तुम ही से निभाऊं तुम ही संग निभाऊं

तुम्हारी ही राहों में खिलता रहूँ मैं
तुम्हें हर नज़र आकर मिलता रहूँ मैं

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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