Tuesday, August 1, 2023

तेरी तलब मुझे लगने लगी हैं 
जब से सावन की आग लगी है 
भरे नज़ारो के बीच हमको 
तेरी तस्वीर दिखने लगी है l
मेरी चाहत को मेरे लम्हों को 
मैंने तुझपे वार दिया 
तेरी नफरत जितनी भी हो 
जाना मैंने तो प्यार ही किया l
ओ मेरे यारा ओ दिलदारा 
तुझ बिन जिना नहीं है गंवारा 

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

No comments:

Post a Comment