Wednesday, August 2, 2023

एक दिन है जो गुजरता है तिरी ख्वाहिश में
एक है रात जो ख्वाबों में गुजर जाती है

एक चाहत है जो मुद्दत से बसी है दिल में
एक हसरत है जो होंठों पे बिखर जाती है

एक दिल है जो तेरे बिन उदास रहता है
एक दुनिया है तुझे मिल के संवर जाती है

एक अम्बर है जो ढकता है मेरे गम सारे
एक बदली है जो आँखों से बरस जाती है,,

एक सागर है जिसे कैद किये हैं दिल मे,,
एक नदिया है जो बातों में उफ़न जाती है,,

एक दौलत है जो कोठों पे मचलती रहती,,
इक फकीरी है जो भूखों पे रहम खाती है

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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