तब-तब बस तेरा ही ख़्याल आएगा
मंजिलों का पाना इतना आसान तो नहीं
हर कदम तेरे बिना राहों में डग-मगाएगा
माना कि तुम खफा हो खूब हमसे
शिकायतों का तूफान तो एक बार आएगा
तेरे दिल तक जाने का रास्ता साफ है मगर
जमाना बड़ा ज़ालिम है उंगलियाँ उठाएगा
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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