Thursday, September 21, 2023

वक़्त बदलता है तो वक़्त के साथ बदलना
खुमार चढ़ता है तो उसे आता भी है उतरना.

हँसना हँसाना गर्ज़ नहीं मर्ज़ ही बना लो
दुआ करना, इस मर्ज़ से कभी ना उबरना.

अंजुम भर के दामन में न चाहिए उछलना
रो पड़ोगे जो मिल के पड़ेगा कभी बिछड़ना.

हाथ मेरे हाथ में दे रहे हो तो न भूलना
कि आता नहीं है मुझको वादे से मुकरना.

फ़िर मिलोगे कभी, ये आस जिंदा रहे मगर
इंतजार के दरिया में भूले से न उतरना..

#$h@πd!£y@

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