Tuesday, September 26, 2023
दौड़ते भागते लोग, खुद से घबराते लोग।
अपने ही आहट से, यहाँ डर जाते लोग।
अपनी ही सूरत से, यहाँ भरमाते लोग।
खौफ़ के साए में, इश्क फरमाते लोग।
कागज़ी गुलाबों से, जी बहलाते लोग।
भीड़ में चिल्लाते, यहाँ हकलाते लोग।
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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