Friday, October 20, 2023

हमारे गमों की कहानी ना पूछो
मुकम्मल कहां किसी की जिंदगानी है।

कैसे रोकू अपने बहते अश्कों को,
समय की बहती यह जिंदगानी है।

मन के कोरे कागज पर लिखूं जो
वो गीत याद अभी तक याद मुंह जुबानी है।

हर धड़कन पे लिखा तेरा नाम जो
तुझसे मिलने की आस जगानी है।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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