Saturday, October 21, 2023

बड़ा उदास बैठा था गुम सुम....
तभी याद आये चाय और तुम....

चेहरे पर अनायास मुस्कराहट आ गयी
धीरे से जब तुम्हारी आहट आ गयी....

वो ठंड का मौसम और चाय का प्याला
जैसे कर गया अंधेरे में उजाला....

चाय से उठती वो लहराती भाप
जैसे बादलो में लगा दी आग.....

सोचता हूँ दुनिया बस इतनी रहे....
मैं,चाय और तुम जितनी रहे.......

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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