Monday, October 23, 2023

मैं गीत तेरा,तू मेरी गजल
आ,सुर सरगम में खो जाये।

अधरों से अधरों पर लिख कर
एक काव्य समर्पण हो जाये।।

यह रात विरह की रात नहीं
यह प्रिय-मिलन मधुयामिनी है।

संयम परिभाषा रहने दो
भुजपाश में मेरे दामिनी है।।

एक सूर्य-अनल,एक शीतल जल
अंगार में छन-छन हो जाये।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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