Wednesday, October 4, 2023

तू आ मिल मुझसे...!

भोर सुनहरी सिंदूरी सांझे,
तुझे विस्मृत बिम्ब मैं समर्पण कर दूं...!

गीत लिखूँ थोड़ी प्रीत लिखूँ,
छंद सलोने मैं अर्पण कर दूं...!

जीवन की गोधूल डगर से
तुम चुनो खिले अधखिले सुमन,,

तुझको दूं आशीष तनिक सा,
जीवन को मैं दर्पण कर दूं...!

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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