Saturday, December 16, 2023
मैं शब्द भर तुम मेरी शब्दशक्ति !
मैं मूक कलम तुम मेरी अभिव्यक्ति !
मैं करुण-हास्य रस तुम मेरी सरस श्रृंगार !
मैं खंडित वाक्यांश तुम मेरी अलंकार !
मैं बूँद एक पत्थर पर तुम जल भरी सरिता !
मैं चंद छन्द ठहरा तुम मेरी पूरी कविता !
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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