ढूंढता हो बच्चा जैसे सीपियाँ, समंदर के किनारों में
तुम पथ हो मेरा..मैं राही उस पथ का
सारथी हो ''तुम'' मेरे जीवन रथ का,
बिछे हुए हैं तुम्हारे स्नेह पुष्प..मेरी पथरीली राहों में
अगर कहीं गिर जाऊं तो,थाम लेना मुझे अपनी स्नेहिल बाँहों में
तुम अक्सर संग रहते हो,गंभीर होते विचारों में
रोशन करते हो दीपक बन जीवन के अंधियारों में
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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