धड़कनें देख-भाल कर रख दूँ
ला तेरा दिल सम्हालकर रख दूँ
तुझको मुझ पर यकीं न आये तो
मैं कलेजा निकाल कर रख दूँ
तेरे होंठो की प्यास की ख़ातिर
सारे दरिया उछाल कर रख दूँ
आँच है इस क़दर इरादों में
मैं समुन्दर उबालकर रख दूँ
आने वाली है रौनके-महफ़िल
मय पियाले में डालकर रख दूँ
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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