तो जीनी तो पड़ेगी
दुख और सुख
आयेगे और गुजर जायेंगे..
सफर जिंदगी का
हंसते रोते गुजर जायेंगे
सुबह बचपन
दोपहर जवानी
शाम बुढ़ापा
और रात आएगी
हम चांद के बगल का
तारा हो जायेंगे ..
रह जायेगी स्मृतियां
वो भी कुछ दिन बाद विलुप्त हो जाएगी ..
जिंदगी यूं ही जी जाएगी !
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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