उदास मनको कही छिपाये रखते हैं
लबों पे झूठी मुस्कान बनाये रखते है
दिलकी हालत कोई क्या समझेगा
मोहब्बत को पलको पे सजाये रखते हैं
जाने वालेको कौन रोक पाया हैं कभी
इंतजार में पलके राहों में बिछाए रखते हैं
टूटे दिल की कहां आवाज सुनाई देती हैं
अहसासों को मन में यूंही दबाए रखते हैं
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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