Saturday, January 13, 2024

आवाज़ों के जंगल में
कान बहरे हो जाते हैं
दिल सुनता है...
बिछड़े प्रीतम के 
दिल की धड़कन का शोर;
जिसमें सुनाई_देती_है,
विरही मन की आस भरी पुकार।
हाँ ! 
आवाज़ों के जंगल में
मैं सुन लेता हूँ
सिर्फ़ तुम्हारी आवाज़।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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