Friday, January 5, 2024

एक ग़ज़ल हूँ मैं, साज़ ए दिल पे गुनगुना लो मुझे..
तुम्हारी धड़कन हूँ मैं, सीने में अपने छुपा लो मुझे..

गुलाब का एक महकता फूल हूँ, ज़ुल्फों में सजा लो मुझे..
प्यार का मीठा दर्द हूँ, दिल में अपने बसा लो मुझे..

एक मुस्कुराहट हूँ, होठों पे अपने सजा लो मुझे..
ग़म का आँसू भी हूँ, हँसकर बहा दो मुझे..

दास्ताँ भी हूँ, चाहो तो भुला दो मुझे..
एक सुनहरा सपना हूँ, आँखों में बसा लो मुझे..

कुछ और नहीं, तुम्हारी ज़िन्दगी हूँ मैं,
हँसकर गले से लगा लो मुझे।।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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