तुम से सजी है ये महफ़िल हमारी
प्रेम है ये तुम्हारी तड़प है ये हमारी
तुम तो व्यस्त हो दुनियां के रंग में
तुम्हारी मोहब्बत नज़्म है ये हमारी
अब मुलाकाते तो हो गई है पुरानी
चांद तारों के संग रात कटी ये हमारी
नहीं कोई शिकवा न शिकायत है तुम से
अब यादें तुम्हारी शोहरत है ये हमारी
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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