नयन कटारी लब अंगारी प्रेम की तू जंजीर हो जैसे
रुख पर तेरे लट घुंघराली पिय मिलन की पीर हो जैसे
कजरारे चंचल नैनों में सज काजल भी इठलाता है
और उस पर पैवस्ता अब्रू आंखों के नाजीर हो जैसे
नथ झूले है नाक पे तेरे झूलती जैसे डाल गौरैया
और नजरों के वार कंटीले दो धारी शमशीर हो जैसे
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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