Wednesday, June 5, 2024

नयन कटारी लब अंगारी प्रेम की तू जंजीर हो जैसे
रुख पर तेरे लट घुंघराली पिय मिलन की पीर हो जैसे

कजरारे चंचल नैनों में सज काजल भी इठलाता है 
और उस पर पैवस्ता अब्रू आंखों के नाजीर हो जैसे

नथ झूले है नाक पे तेरे झूलती जैसे डाल गौरैया
और नजरों के वार कंटीले दो धारी शमशीर हो जैसे

~~~~ सुनिल #शांडिल्य 

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