Friday, June 7, 2024

चांदनी रात में हुई थी मुलाकात उनसे
धुंधली सी यादें रह गई बस साथ मेरे

कब कहा उन्होंने इश्क है हमें तुमसे
जब पलके झुका ली थी हमसे उसने

हवाओं ने बिखरी जुल्फें उनकी इस कदर
मनको संभाल ना सके वो मुलाकात हुई थी

लूटकर ले गई बैरन,काली घटाओ के संग
छोड़ गए तन्हा मुझको अंधेरी रातके संग

~~~~ सुनिल #शांडिल्य 

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