चांदनी रात में हुई थी मुलाकात उनसे
धुंधली सी यादें रह गई बस साथ मेरे
कब कहा उन्होंने इश्क है हमें तुमसे
जब पलके झुका ली थी हमसे उसने
हवाओं ने बिखरी जुल्फें उनकी इस कदर
मनको संभाल ना सके वो मुलाकात हुई थी
लूटकर ले गई बैरन,काली घटाओ के संग
छोड़ गए तन्हा मुझको अंधेरी रातके संग
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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