Friday, July 12, 2024

सौंदर्य,सुगंधित,अप्रतिम तुम
लावण्य,रूप का, संगम तुम

कुंतल,केश,चपल नयना तुम
साँवली,सलोनी,सबला तुम

रूप,माधुर्य का,मेल हो तुम
तीखे,नयनों का,जाल हो तुम

भीगे होठों के,जाम हो तुम
सरल, सरस,स्निग्धा,हो तुम

प्रेम,त्याग की मूरत हो तुम
लय और ताल की सरगम हो तुम
हे प्रिये ! तुम सबसे,अनुपम हो

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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