Wednesday, October 2, 2024

जिश्म की तुम मेरी कोई 
अनमिट कहानी नहीं हो

आँखों से हुई तुम मेरी कोई 
सुन्दर नादानी नहीं हो

अल्ल्हड़, मदमस्त सरित सी 
बहती रवानी नहीं हो

आँखों से बरसता हुआ 
प्रेम का तुम पानी नहीं हो

तुम मेरे जीवन का वसंत हो
पतझड़ की निशानी नहीं हो..!!!

~~~~ सुनील #शांडिल्य

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