हुआ प्यार मुझको,ये वो जानती है,
मोहब्बत को लेकिन,वो नही मानती है
वो मोहक अदा से,सितम ढ़ा रही हैं
कटि की लचक से,मुझे लचका रही है
घट भर जल रख,प्यास बढ़ा रही है
घट नीर पिऊँ,या नैनो की मदिरा
समझ मुझको लेकिन,नही आ रही है
बस बस कर, अब बस भी करो जी
ये अवरोध दिन रात,देती जा रही है
~~~~ सुनील #शांडिल्य
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