Friday, October 11, 2024

कुछ कहते है नयन तुम्हारे 
जब वह झुके झुके होते
हम भी समझे उस भाषा को
आंसू खूब रुके होते।।

झर झर बहते आंसू जब
नयनो को खूब भिगोते है
खुशी अगर हो या फिर गम हो
हर पल में ही रोते है ll

सपने देखे सुंदर सुंदर
देखे पर सोते सोते
कुछ कहते है नयन तुम्हारे
जब वह झुके झुके होते।।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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