Saturday, October 19, 2024

मेरी बंदगी बस तुम्हीं हो फ़क़त
तेरे नाम ये ज़िन्दगी हो फ़क़त

न जाऊं कहीं इश्क़ की आस में
अगर साथ ये आशिक़ी हो फ़क़त 

सितारों नज़र तुम न आना अभी
हमें आरज़ू चाॅंदनी हो फ़क़त

बुलाओ बहारों मेरे यार को
के इस बाग़ में दिल्लगी हो फ़क़त

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

No comments:

Post a Comment