पिछली बात भुला कर नई शुरुआत करते है,
आओ अज़नबी बन कर फिर से हम मुलाकात करते है,
जो याद दिल दुःखाए उसे जला कर राख करते है,
कड़वाहट की धूल झाड़ दिलों को साफ करते है!
फूलों सा महक कर ख़ुशी का इज़हार करते है,
काँटों से भी दोस्ती कर उनका इस्तक़बाल करते है..!
ना होगी कोई शिकायत ,नफ़रत को आज़ाद करते है ,
वही वक़्त और उसी जगह हम आपका इंतजार करते है.!
कह देते है हम_तुम से, तुम भी कह दो ये हमसे ,
एक दूजे की चाहत में, हम और बेइंतहा प्यार करते है..!!
~~~~ सुनिल #शांडिल्य